मेरी यादें अक्सर मुझसे कहती हैं
तेरी यादों के लिए वो तरसती हैं
कल चल रहा था बाग़ में बस यूँ ही भटकते
पूछ बैठे फूल आखिर क्यों हो खोये रहते
कुछ कह न पाया कुछ न कहना चाहा
बस दबी सी मुस्कराहट हीं थी
और बोल उठी यादें मेरी
तेरी यादों को वो तरसती /
आज फूल हांथों में
कल हाँथ तेरा था
क्या खूबसूरत थी
क्या रंग सुनहरा था
महताब की मोहताज़ शायद चांदनी होगी
पर इस दिल की कोठी बस तुझसे ही रोशन थी
और बोल उठी यादें मेरी
तेरी यादों को वो तरसती /
सुन रखा था लोगों से की प्यार सच्चा है
तुझसे मिलकर जान पाया सच्चाई कितनी थी
इस दिल के घने जंगलों को चीरती
जो झिलमिल सी रौशनी थी
एहसास होता आज मुझको
तेरी ही रेहमत थी
और बोल उठी यादें मेरी
तेरी यादों को वो तरसती /
क्या कहना चाहा,क्या कह न पाया
ये बातें ही ओझल थी
जिसे देखकर धड़कन बड़ी
वो तू थी पगली लड़की
मुखौटा मुस्कराहट का चेहरे पे रक्खा था
भावनाओं का शैलाब जिसने रोक रक्खा था
जहाँ तू बढ़ चली आगे वो राह तेरी थी
और बोल उठी यादें मेरी
तेरी यादों को वो तरसती /
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तेरी यादों के लिए वो तरसती हैं
कल चल रहा था बाग़ में बस यूँ ही भटकते
पूछ बैठे फूल आखिर क्यों हो खोये रहते
कुछ कह न पाया कुछ न कहना चाहा

और बोल उठी यादें मेरी
तेरी यादों को वो तरसती /
आज फूल हांथों में
कल हाँथ तेरा था
क्या खूबसूरत थी
क्या रंग सुनहरा था
महताब की मोहताज़ शायद चांदनी होगी
पर इस दिल की कोठी बस तुझसे ही रोशन थी
और बोल उठी यादें मेरी
तेरी यादों को वो तरसती /
सुन रखा था लोगों से की प्यार सच्चा है
तुझसे मिलकर जान पाया सच्चाई कितनी थी
इस दिल के घने जंगलों को चीरती
जो झिलमिल सी रौशनी थी
एहसास होता आज मुझको
तेरी ही रेहमत थी
और बोल उठी यादें मेरी
तेरी यादों को वो तरसती /
क्या कहना चाहा,क्या कह न पाया
ये बातें ही ओझल थी
जिसे देखकर धड़कन बड़ी
वो तू थी पगली लड़की
मुखौटा मुस्कराहट का चेहरे पे रक्खा था
भावनाओं का शैलाब जिसने रोक रक्खा था
जहाँ तू बढ़ चली आगे वो राह तेरी थी
और बोल उठी यादें मेरी
तेरी यादों को वो तरसती /
बहुत सुन्दर .. अतीत के पन्ने पलट कर रख दिए हैं ... अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद/
DeleteBol utha mera dil......Awesome mere bhai
DeleteThanks :)
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