Friday, November 20, 2020

पाँच सौ का एक नोट

वोट की कीमत
नहीं आँकी जा सकती
इसमें स्वाभिमान है
संविधान का सम्मान है
कहते हैं शिक्षाविद
लेकिन विधिवत शिक्षा
पहुँचती कहाँ है लोगों तक
न पहुँचते है शिक्षाविद
और भूख स्वतः जागृत होती है
जैसे वोट का अधिकार
हर पाँच साल के पार
लिए पार्टी का झंडा
अधनंगा पहने एक लंगोट
कहता है फलाँ जिंदाबाद
अपने भविष्य का गला घोंट
पता है कितने का एक वोट
बस! पाँच सौ का एक नोट।
©युगेश

चित्र - गूगल आभार 


 

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