लोग कहते हैं
पत्थर दिल हूँ मैं
फ़क़त ये बात जानने को
तुमसे बातें करनी जरूरी थी
कि तभी सुनाई दी धड़कन
वही जो मंद पड़ गयी थी
पर तुम्हारा नाम लेते ही
उनमें भी उफान आ गया
मेरे हृदय की भी हालत
अहल्या सी ही थी,बिल्कुल पाषाण
और राम के चरण की तरह
तुम्हारे नाम ने उसमें जीवन फूँक दिया
और आज़ाद कर दिया उस श्राप से
जिसे किसी गौतम ने नहीं
बल्कि मैंने दिया था
क्यूँकि ये गलती कर बैठा था
तुमसे दिल लगाने की।
©युगेश
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पत्थर दिल हूँ मैं
फ़क़त ये बात जानने को
तुमसे बातें करनी जरूरी थी
कि तभी सुनाई दी धड़कन
वही जो मंद पड़ गयी थी
पर तुम्हारा नाम लेते ही
उनमें भी उफान आ गया
मेरे हृदय की भी हालत
अहल्या सी ही थी,बिल्कुल पाषाण
और राम के चरण की तरह
तुम्हारे नाम ने उसमें जीवन फूँक दिया
और आज़ाद कर दिया उस श्राप से
जिसे किसी गौतम ने नहीं
बल्कि मैंने दिया था
क्यूँकि ये गलती कर बैठा था
तुमसे दिल लगाने की।
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