किसी भी व्यक्ति की आज़ादी तभी तक सुरक्षित है जब तक उसका देश आज़ाद है। देश तभी सुरक्षित रहेगा जब उसकी विरासत को बच्चों तक पहुँचाएँ। देश की संप्रभुता, देश प्रेम की नींव बच्चों के अंदर रखें। मेरे छोटे भाई सारांश ने मुझे "गणतंत्र दिवस" पर विद्यालय में बोलने के लिए एक कविता लिखने को कही थी। इस कविता की उपज इसी विचार से हुई है।
भारत मेरा देश महान
सब करते इसका गुणगान
गाँधी की इस धरती को
सौ-सौ बार मैं करूँ प्रणाम।
उत्तर में हिमालय शोभता
दक्षिण में समुद्र पावँ को धोता
सारे धर्मों के लोग हैं रहते
नित नया त्यौहार है होता।
भारत की कश्मीर है शान
राजस्थान में देखो रेगिस्तान
अलग अलग जगहों पर देखो
मिलते नए नए पकवान।
मुझको प्यारा मेरा भारत
विश्वगुरु कहलाता था
विक्रमशिला और तक्षशिला
सुंदर इतिहास हमारा था।
नन्हा सिपाही मैं भारत का
देश के काम मैं आऊँगा
अपने अच्छे काम से मैं
भारत माँ की शान बढ़ाऊँगा।
©युगेश
No comments:
Post a Comment