जब आपके जीवन में नवांकुर फूटने की आहट होती है तो सब कुछ ठहरा सा मालूम पड़ता है। वो भाव वो एहसास बड़े ही नायाब होते हैं। जैसे भगवान को किसी ने देखा नहीं लेकिन वो हैं इसका एहसास सभी को बराबर रहता है। ठीक उसी तरह माँ के कोख में एक नन्हें फरिश्ते का होना जो सामने न होकर भी अपने होने का एहसास देता है। सबकुछ बिल्कुल जादू सा लगता है। ऐसे में एक पिता को अपने विचारों को बयाँ करना इतना आसान कहाँ होता है.......
तू जो आएगा
तो तुझे बताऊँगा
तुझे गोद में लेकर
मैं खूब खिलखिलाऊँगा
कैसे कट जाती थी रातें
तेरी बात करते करते
तेरे आने की सुगबुगाहट आई
जैसे कोई ख्वाब गढ़ते-गढ़ते
तुझे कैसे बताऊँ तेरे माँ
के चेहरे की चमक
उसके आँखों में कहकशां
उसके पैरों में धनक
तेरे होने का जब पता चला
मैं मानों मीलों-मील चला
एक बेटे से पिता हो जाना
मैंने बाप होकर एक बाप को जाना
तू एक ख्वाब है
तुझे महसूस करता हूँ
तू एक सच्चाई है
तुझे आभास करता हूँ
तुझे छू नहीं सकता
तो मैं अपनी हाथे फेरता हूँ
मैं तुझे तेरी माँ के
एहसास से जीता हूँ
तेरी धड़कन को कोख से सुनना
मैंने जाना सच्चे जादू का होना
जब पहली बार clinic में
तुम्हारी धड़कन सुनी थी
ये दुनिया जो थी
क्या ये वही थी
मैं रोक न सका
कुछ आँसू डब डबाए थे
मैंने फलक के सारे तारे
तेरे माँ के आँचल में पाए थे
और तुझे सच बताऊँ
अब सब्र नहीं होता
पर जो होता है
वो अच्छे के लिए होता
थोड़ी तकलीफें आती हैं आएँगी
पर पता है वो सब झेल जाएगी
तुझे तेरी दादी, नाना-नानी
सब बाँहें फैंलाये तक रहे हैं
दादा फरिश्ते बन सब देख रहे हैं
तुझे एहसास नहीं तुझे
कितना प्यार मिलेगा
तू जब आएगा बाहों में तो
मेरा पूरा परिवार खिलेगा
तू बस आ जा तुझे
बहुत से किस्से सुनाऊँगा
तुझे गोद में लेकर
मैं खूब खिलखिलाऊँगा।
©युगेश
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