बातें कुछ अनकही सी...........
Saturday, November 18, 2023
सन्नाटा
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कितना आसान है चले जाना और लौटना उतना ही मुश्किल फूल पर भ्रमर का आना ज्यादा सुखद है या उसका चला जाना ज्यादा दुःखद उन्माद का त्रासदी हो जाना औ...
Tuesday, May 16, 2023
प्रथम वर्ष प्रेम का
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प्रथम वर्ष प्रेम का तेरे मेरे गठजोड़ का जैसे कोई मधुर राग और जल्दी बीते फाग। कभी दिखे चितचोर और कभी दिखे बरजोर कभी हाथो में ले हाथ कभी करते द...
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Sunday, July 10, 2022
खबर जो भिजवाई तो भिजवाई कैसे
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खबर जो भिजवाई तो भिजवाई कैसे बिना कहे जतलाई तो जतलाई कैसे। बदल गया चंद लम्हों में ये गुलिस्तां जिस हवा से उजड़ा चमन वो आई कैसे। देख कर भी सब ...
Wednesday, July 6, 2022
मैं और टमाटर
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मैं और टमाटर अक्सर ये बातें करते हैं टमाटर देशी होती तो स्वाद कैसा होता उसकी चटनी बनती तो कैसा होता चटनी में थोड़ी मिर्ची पिसी जाती तुम थोड़ी ...
Friday, June 24, 2022
वो लड़की जो लम्बे बाल रखती है।
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बड़ी कसमसाई नाज़ुक खयाल रखती है वो लड़की जो लम्बे बाल रखती है। आँखों पर कितनें अनगिनत सवाल रखती है मेरा नाम लिख, चेहरे को लाल रखती है। कैसे न स...
Tuesday, April 12, 2022
तलब नहीं मुझे
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तलब नहीं मुझे तेरी ताबीर करनी है लकीरें कुछ हाथों में तेरे,कुछ मेरे हैं जोड़कर इन्हें तक़दीर करनी है। उसे रूवासा होना अच्छा नहीं लगता जिसे देख...
Sunday, March 13, 2022
मैं भारतीय रेल हूँ, मैं निरंतर चलता हूँ।
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जब सूरज उगता है, मैं उसे नमन करता हूँ जब वह अस्त होता है, मैं उसे प्रणाम करता हूँ मैं माँ भारती की शिराओं में लहू बन बहता हूँ मैं भारतीय रेल...
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